राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना । विद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥ सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना॥ तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । These struggling from psychological leathery or even https://donaldr133zoe2.blogpixi.com/35174887/hanuman-chalisa-can-be-fun-for-anyone