भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं। Hanuman's second son was named Purwaganti, who experienced only appeared from the Pandavas era. He was credited with obtaining Yudhisthira's https://margotr853oty7.tusblogos.com/profile